Post Details

सावधान! प्लास्टिक जार का अचार बना रहा आपको बीमार, डॉक्टर ने बताया इसे खतरे की घंटी:

Mani

Mon , Oct 27 2025

Mani

27 अक्टूबर 2025 सोमवार:

सावधान! प्लास्टिक जार का अचार बना रहा आपको बीमार, डॉक्टर ने बताया इसे खतरे की घंटी

क्या आपने कभी अपनी दादी या नानी को अचार बनाते देखा है?

याद कीजिए, वो हमेशा मिट्टी या सिरेमिक के बर्तन में ही अचार डालती थीं, लेकिन आजकल कई लोग सुविधा के लिए अचार को प्लास्टिक के डिब्बे में रख देते हैं, लेकिन डॉक्टर के मुताबिक यही एक बड़ी गलती है, जो आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है।

प्लास्टिक के डिब्बे में अचार भरने से क्या हो सकता हैं?

प्लास्टिक के डिब्बे में अचार भरने से कुछ हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं, खासकर अगर प्लास्टिक खाद्य-सुरक्षित (food-grade) न हो या लंबे समय तक अचार रखा जाए। नीचे विस्तार से समझाया गया है —

 1. अचार में मौजूद तेल, नमक और अम्ल का असर

▪️अचार में तेल, नमक, सिरका या नींबू का रस जैसे अम्लीय तत्व होते हैं।

▪️ये अम्ल प्लास्टिक के रासायनिक तत्वों (जैसे BPA, phthalates) को घोल सकते हैं।

▪️परिणामस्वरूप, ये रसायन अचार में मिल जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

 2. प्लास्टिक का रिएक्शन

▪️धूप या गर्मी में रखने से प्लास्टिक और तेज़ी से रिएक्ट करता है।

▪️इससे अचार का स्वाद, रंग और गंध बदल सकती है।

▪️लंबे समय में यह ज़हरीला भी बन सकता है।

 3. कौन-सा प्लास्टिक कुछ हद तक सुरक्षित है

अगर “Food Grade”, “BPA Free” या HDPE / PP लिखा हो, तो वह प्लास्टिक कुछ हद तक सुरक्षित माना जाता है।फिर भी, अचार जैसे अम्लीय पदार्थों के लिए यह स्थायी समाधान नहीं है।

🪶 4. सबसे अच्छा विकल्प

▪️अचार को कांच (Glass Jar) या सिरेमिक (मिट्टी/चीनी मिट्टी) के बरतन में रखना सबसे अच्छा माना जाता है।

▪️यह अचार के स्वाद, रंग और गुणवत्ता को लंबे समय तक सुरक्षित रखता है।

 नीचे विस्तार से समझाया गया है —

🫙 1. सही बरतन चुनें

▪️कांच (Glass Jar) या सिरेमिक/मिट्टी के जार में अचार रखें।

▪️ढक्कन कसकर बंद होने वाला होना चाहिए ताकि हवा अंदर न जाए।

▪️प्लास्टिक के कंटेनर से बचें (जैसा हमने पहले चर्चा किया)।

☀️ 2. धूप में सुखाना और रखना

▪️अचार डालने से पहले कंटेनर को अच्छी तरह धूप में सुखा लें ताकि उसमें कोई नमी न रहे।

▪️कई लोग अचार तैयार होने के बाद भी उसे 2–3 दिन धूप में रखते हैं ताकि अचार "सेट" हो जाए और तेल अम्लों के साथ मिल जाए।

▪️उसके बाद ठंडी, सूखी जगह पर रखें।

🛢️ 3. पर्याप्त तेल डालें

▪️तेल (अक्सर सरसों का तेल) अचार को संरक्षण देता है।

▪️अचार पूरी तरह से तेल में डूबा हुआ होना चाहिए, ताकि हवा न लगे।

▪️समय-समय पर देखें — अगर तेल ऊपर से कम हो जाए तो थोड़ा और डाल दें।

💧 4. नमी से पूरी तरह बचें

▪️अचार निकालते समय सूखा, साफ चम्मच ही प्रयोग करें।

▪️अगर पानी या नमी अचार में चली गई, तो फफूंदी (fungus) लग सकती है।

🧂 5. नमक का सही संतुलन

▪️नमक अचार को प्राकृतिक संरक्षक (preservative) की तरह काम करता है।

▪️कम नमक डालने से अचार जल्दी खराब हो सकता है।

▪️अचार के स्वाद और उसकी लंबी उम्र दोनों के लिए नमक ज़रूरी है।

❄️ 6. बहुत ज़्यादा धूप या गर्मी से बचाएँ

▪️अचार तैयार होने के बाद लगातार धूप में न रखें।

▪️बस शुरुआती कुछ दिन धूप में “पकाने” के लिए रखें, बाद में ठंडी, सूखी जगह में स्टोर करें।

🍴 7. हर बार निकालने से पहले हिलाएँ या मिलाएँ

▪️समय-समय पर जार को हल्के से हिलाते रहें ताकि तेल ऊपर-नीचे समान रूप से फैले।

▪️इससे फफूंदी नहीं लगती और स्वाद बराबर बना रहता है।

🧊 8. बहुत लंबे समय के लिए स्टोर करना हो तो

▪️फ्रिज में रख देते हैं, खासकर नींबू या मिर्च का अचार।

▪️फ्रिज में अचार की उम्र और बढ़ जाती है।


Leave a Reply

Please log in to Comment On this post.