Tue , Aug 01 2023
Ganesh Chaturthi 2023 Date: हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से 10 दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत होती है जो अनंत चतुर्दशी तक चलती है. गणेश चतुर्थी के दिन घरों, पंडालों में रिद्धि सिद्धि के दाता गणपति जी विराजमान होते हैं.
मान्यता है कि इन दस दिनों तक गणेश जी कैलाश से धरती पर भक्तों के बीच रहकर उनकी हर समस्या दूर करते हैं. यही कारण है कि पूरे भारत में इस महोत्सव को धूमधाम से मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस साल गणेश उत्सव कब से शुरू होगा, गणेश चतुर्थी पर गणपति स्थापना का मुहूर्त और महत्व.
10 दिवसीय गणेश उत्सव 2023 कब ?
इस साल गणेश उत्सव का 19 सितंबर 2023 को गणेश चतुर्थी से होगा. इसकी समाप्ति 28 सितंबर 2023 को अनंत चतुर्थी पर होगी. आखिरी दिन बप्पा की मूर्ति का विर्सजन होता है.
गणेश चतुर्थी 2023 मुहूर्त (Ganesh Chaturthi 2023 Sthapana Muhurat)
गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा की स्थापना शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए, इससे घर में शुभ और लाभ की प्राप्ति होती है. गौरी पुत्र परिवार के समस्ता दुख हर लेते हैं.
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि शुरू - 18 सितंबर 2023, दोपहर 12.39
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि समाप्त - 19 सितंबर 2023, दोपहर 01.43
गणेश चतुर्थी पूजा विधि (Ganesh Chaturthi Puja vidhi)
10 दिन तक गणेश उत्सव क्यों मनाते हैं ? (Why We Celebrate Ganesh Utsav ?)
पुराणों के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन शंकर और पार्वती माता के पुत्र गणपति जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है. गणेश उत्सव में 10 दिन तक बप्पा की विधिवत पूजा अर्चना करता है उसके सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं. वहीं एक पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि वेदव्यास जी ने महाभारत की रचना के लिए गणेश जी का आह्वान किया था. व्यास जी श्लोक बोलते गए और गणपति जी बिना रुके 10 दिन तक महाभारत को लिपिबद्ध लिखते गए. दस दिन में गणेश जी पर धूल मिट्टी की परत जम गई. 10 दिन बाद यानी की अनंत चतुर्दशी पर बप्पा ने सरस्वती नदी में स्नान कर खुद को स्वच्छ किया, उसके बाद से ही दस दिन तक गणेश उत्सव मनाया जाने लगा.
FAQs :- The significance and history of Ganesh Chaturthi :
Q1)गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप क्यों दिया था?
श्रीगणेश जी ने दिया था चंद्रमा को श्राप, ये है पूरी कथा -एक रात, भगवान गणेश जी अपने चूहे पर सवार होकर घूमने निकले। छोटा चूहा उसका वजन सहन नहीं कर सका और लड़खड़ा गया। यह अजीब नजारा देखकर चाँद हँसने लगा। गणेश क्रोधित हो गए और चंद्रमा को श्राप देते हुए कहा कि जो कोई भी गणेश चतुर्थी की रात चंद्रमा को देखेगा, उस पर झूठा आरोप लगेगा।
Q2) गणेश जी के कटे हुए सिर का क्या हुआ ?
Lord Gaesh Head: भगवान श्री गणेश की जन्म कथा बड़ी ही रोचक है और इस कथा से सभी वाकिफ भी हैं। श्री गणेश जी का सिर महादेव द्वारा उनके धड़ से अलग हुआ था और फिर उनके असली शीश के बदले में उन्हें एक गज यानी कि हाथी के बच्चे का सिर लगाया गया था।
Q3) गणेश किसके देवता हैं ?
गणेश जी को विघ्नहर्ता और विनाश के हिंदू देवता शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती की संतान के रूप में जाना जाता है। कई मिथकों में उनके जन्म और हाथी के सिर के अधिग्रहण का विवरण दिया गया है।
Q4) गणेश जी का बेटा कौन था ?
गणेश जी को रिद्धि से क्षेम और सिद्धि से लाभ नाम के दो पुत्र हैं। जब कार्तिकेय दक्षिण में असुरों से संग्राम के लिए गए थे और उन्होंने युद्ध में असुरों को पराजित कर दिया था, तब भगवान शिव ने गणेश जी के पुत्र का नाम क्षेम रखा। माता पार्वती उनको प्रेम से लाभ नाम से पुकारती थीं।
Q5) गणेश जी के पास चूहा क्यों होता है ?
युद्ध में श्री गणेश का एक दांत टूट गया. तब क्रोधित होकर श्री गणेश ने टूटे दांत से गजमुखासुर पर ऐसा प्रहार किया कि वह घबराकर चूहा बनकर भागा लेकिन गणेशजी ने उसे पकड़ लिया. मृत्यु के भय से वह क्षमा मांगने लगा तब श्री गणेश ने मूषक रूप में ही उसे अपना वाहन बना लिया.
Q6) गणेश किस चीज से खुश होते हैं ?
भगवान गणेश की पूजा के दौरान उन्हें पीले चावल अर्पित करने चाहिए। इससे प्रसन्न होकर वह अपने भक्तों को मनचाहा फल पाने का आशीर्वाद देते हैं। इन्हें लगाएं भोग बुधवार के दिन भगवान गणेश को घी, गुड़ का भोग लगाना चाहिए। इससे भगवान गणेश बहुत प्रसन्न होते हैं।
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