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Hemis Festival 2023 : हेमिस फेस्टिवल लद्दाख का प्रमुख बौद्ध त्योहार है और यह लद्दाखी बौद्ध समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है। इस बार हेमिस फेस्टिवल 28 और 29 जून को मनाया जाएगा जो कि एक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है जिसमें पूजा, प्रार्थना, मास्क नृत्य, शम्भुनाथ वेशभूषा पहनने का आयोजन और ध्वजारोहण शामिल होते हैं। इस दौरान, लद्दाख के बौद्ध मठों में धर्मिक अध्ययन और ध्यान की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाता है। इसके अलावा, हेमिस फेस्टिवल में लद्दाख की सौंदर्यशास्त्रीय और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है। यह त्योहार अन्य राज्यों और विदेशों से आए ग्राहकों को भी आकर्षित करता है, जिन्हें लद्दाख की संगीत, नृत्य, और रंग-बिरंगे परंपरागत पहनावे पसंद आते हैं।
हेमिस फेस्टिवल का इतिहास लद्दाख के भौगोलिक और सांस्कृतिक माध्यम से गहरी जड़ों से जुड़ा हुआ है। यह फेस्टिवल मुख्य रूप से बौद्ध संत गुरु पद्मसंभव (Guru Padmasambhava) की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है, जिन्हें “हेमिस देवता” के रूप में पूजा जाता है। यह त्योहार लद्दाख के हेमिस मठ (Hemis Monastery) में मनाया जाता है जो कि बौद्ध धर्म का एक प्रमुख आधारभूत स्थल है। मठ के अनुसार, हेमिस देवता को शिक्षादान और रक्षा का प्रतीक माना जाता है, जो संसार को दुष्टता और अशुभता से मुक्ति प्रदान करते हैं।
जिसकी शुरुआत मान्यताओं के अनुसार 17वीं शताब्दी में हुई थी, जब मठ के प्रवर्तक रिनचेनग्याल्त्सो (Rinchen Zangpo) ने इसे स्थापित किया था। यह फेस्टिवल हर साल तिब्बती कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है और हर चंद्र मास के 10वें दिन को आयोजित किया जाता है। वहीं, इस त्योहार को देखने के लिए दूर-दूर से टूरिस्ट लद्दाख आते हैं। इस दौरान हेमिस मठ भी धार्मिकता और सौंदर्य से सजाया जाता है, जहां कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिनमें पूजा-अर्चना, ध्यान, मास्क नृत्य और परंपरागत पहनावे का प्रदर्शन शामिल होता है।
हेमिस फेस्टिवल में मुखौटा लगाकर नृत्य किया जाता है। यह नृत्य विशेष रूप से हेमिस मठ के प्रांगण में होता है, जहां बौद्ध भिक्षुओं का एक समूह इकट्ठा होता है। उन्होंने आकर्षक मुखौटे लगाए होते हैं और उनके संगीत और नृत्य के माध्यम से हेमिस फेस्टिवल के उत्साह को बढ़ाते हैं। बता दें कि मुखौटों का निर्माण विभिन्न रंग-बिरंगी पोशाकों, पुरानी परंपरागत खगोलीय चिन्हों और प्राचीन ग्रंथों के माध्यम से किया जाता है। यह मुखौटे नृत्य को विशेष और सुंदर बनाते हैं। इस फेस्टिवल की खासियत इसकी विविधता और रंग-बिरंगे परंपरागत पहनावों में होती है, जो लोगों को बाहर से भी आकर्षित करती है।
हेमिस फेस्टिवल में चाम नृत्य किया जाता है, जिसे भिक्षुओं और लामाओं द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। चाम नृत्य में भिक्षुओं और लामाओं को अनूठे मुखौटे और रंग-बिरंगी पोशाकें पहनी होती हैं, जो इस नृत्य को और आकर्षक बनाती हैं। इसके अलावा, इस त्योहार में अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। साथ ही, विशाल थांगका भी फहराए जाते हैं, जो बौद्ध चित्रों का एक प्राचीन और महत्वपूर्ण रूप है।
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