Thu , Jun 19 2025
कोई ज़रूरत से ज्यादा विनम्र बनता है, कोई आपको गिफ्ट देता है, तो कोई हर बात में हॉँ करता है। लेकिन ज़रूरी नहीं कि सब सच बोल रहे हों।
दिखावे के पीछे की मंशा समझना सीखो।
क्योकि वो अपनी कमजोरी नहीं दिखाना चाहते वो आपको इंर्पेस करना चाहते हैं या फिर आपके भरोसे का फायदा उठाना चाहते हैं
असली इरादा अक्सर मुस्कान के पीछे छुपा होता है।
"लोग वही दिखाते हैं जो आप देखना चाहते हैं, लेकिंन उनका असली रूप उनकी आदतों में छुपा होता है।" यानि देखने की नहीं, पढ़ने की आदत डालो, चेहरों को नहीं, इरादों को पढ़ो।
तुम्हारा एक सहकर्मीं तुम्हारे साथ बहुत अच्छा है, हर बात पर तारीफ करता है लेकिन एक दिन पता चलता है कि उसी ने तुम्हारे खिलाफ बात की।
ऐसा क्यों?
क्योंकि तुम चेहरे पढ़ते रहे, इरादे नहीं।
लोग दबाव में कैसा व्यवहार करते हैं, उस पर ध्यान दो। उनकी बोलचाल नहीं, आदतों को देखो। जो लोग सबको खुश करने की कोशिश करते हैं, अक्सर सबसे पहले धोखा वही देते हैं।
वक्त आने पर नक़ाब खुद उतर जाता है पर समझदार वो है जो पहले ही देख ले।
और फिर कहना पड़ता है - "मैं तो इसे जानता ही नहीं था।!"
बताओ, क्या कभी ऐसा हुआ कि तुमने किसी को बहुत अच्छा समझा, लेकिन बाद में असली रूप देखकर हैरान रह गए?
" कॉमेंट में लिखो , और दूसरों को भी समझदार बनने में मदद करो।
I am a full time software developer but sometimes I like to write my travel blogs and some knowledgeable thoughts and contents. According to me, LifeDB is the best website to share anything.
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