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Laws Of Human Nature ( मानव स्वभाव के नियम ) - 05

Ajay Patel

Mon , Jun 23 2025

Ajay Patel

मानव स्वभाव के नियम 
05 

लोग वही चाहते हैं, जो उन्हें तुरंत नहीं मिलता '" 

इंसान को 'ना' में ज़्यादा 
मज़ा आता है

जिस इंसान से हम हर बार बात कर सकते हैं, उसे हम नज़रअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन जो थोड़ी दूरी बनाए रखता है, उसी की तरफ हम ज्यादा खिचते हैं। 

क्यो?

क्योंकि इंसान का मन कमी और दूरी को आकर्षण समझ लेता है। 

आसान चीज़ों को हम हल्के में लेते हैं

जो हर दिन फ्री होता है - उसे कोई सीरियस नहीं लेता जो हमेशा "हॉ" करता है - उसकी बात की वैल्यू नही बनती जो तुरंत सब दे देता है - उसकी चीज़ों में "मोल" नहीं लगता 

कभी-कभी खुद को थोड़ा rare दिखाना ज़रूरी है। 

एक कहानी: वो दोस्त जो 
हर वक्त हाज़र था

एक लड़का जो हमेशा फोन उठा लेता था, जब ही मिलने बुलाओ आ जाता था, हर बार हां कह देता था, और हमेशा हर किसी के लिए हाजिर हो जाता था, लेकिन धीरे धीरे लोगो ने उसे हल्के में लेना शुरु कर दिया, मतलब कि उसकी वैल्यू नहीं रही क्योंकि वो "मुफ्त" था. 

इंसान मुफत की चीज को हमेशा कमतर मान लेता है, इसलिए भावनाएं वहां लुटाओ जहां उनकी कदर हो रही हो, वरना रुक जाओ और न  कहना शुरू कर दो। 

समझदारी क्या है?

हर वक्त खुद को available मत रखो थोड़ा रुककर जवाब दो, सब कुछ तुरत मत दो,  कभी-कभी 'ना" कहना सीखो

ताकि लोग आपकी value कों समझें,ना कि आपको granted लें। हालांकि जो लोग आपको समझते है उनको इंतजार करवाना उचित नहीं है। 

अगर ये नहीं समझा तो?

  1. लोग आपको हल्के में लेंगे
  2. आपकी मदद को अपना हक मान लेंगे
  3. और आपको emotional ATM बना देगे

 इसलिए समझदारी यही है कि जहां कदर न हो वहां से दूरी बनाओ। 


 बताओ

क्या कभी ऐसा हुआ कि तुमने किसी को सब कुछ दे दिया, लेकिन उसने तुम्हे हल्के में लेना शुरु कर दिया?

या जब तुम थोड़ा हटे, तो लोगों ने तुम्हारी कद्र करना शुरू किया?

कॉमेंट में अपनी कहानी लिखो, क्योंकि इससे औरों को भी समझ आएगा 

"कम दिखो, पर असरदार रहो।" 


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