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नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा कैसे की जाती है माता चंद्रघंटा का स्वरूप कैसा होता है? ओर शुभ मुहूर्त

Mani

Tue , Sep 23 2025

Mani

24 सितंबर 2025 बुधवार:

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। यह मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप है।

माता चंद्रघंटा का स्वरूप:।

🕉 मां चंद्रघंटा मंत्र (Mantra):


पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।

प्रमदादि भिरावृता चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥

इनके मस्तक पर अर्धचंद्र (अर्धचंद्र का आकार घंटी जैसा) होता है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है।
  • इनका रंग गौरवर्ण (स्वेत) होता है।
  • माता के दस हाथ होते हैं और ये सिंह पर सवार रहती हैं।
  • इनके हाथों में कमल, धनुष, त्रिशूल, गदा, तलवार आदि शस्त्र होते हैं।
  • यह देवी शांति और शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं, परंतु युद्ध के समय रौद्र रूप भी धारण करती हैं।

पूजन का महत्व:

  • मां चंद्रघंटा की पूजा से भय, पीड़ा और दुखों का नाश होता है।
  • इनकी कृपा से साधक को अद्भुत शक्ति, साहस और आत्मविश्वास प्राप्त होता है।
  • मानसिक तनाव, बाधाएं और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा होती है।

ब्रह्म मुहूर्त:

सुबह 04:35 बजे से 05:23 बजे तक 
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:14 बजे से 03:02 बजे तक 
अमृतकाल: सुबह 09:11 बजे से 10:57 बजे तक

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