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नई दिल्ली: 33 साल बाद फिर परमाणु रेस में उतरा अमेरिका, न्यूक्लियर हथियारों का टेस्ट शुरू करने का आदेश, शी जिनपिंग से मुलाकात से पहले ट्रंप का बड़ा ऐलान

Mani

Thu , Oct 30 2025

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नई दिल्ली: 33 साल बाद फिर परमाणु रेस में उतरा अमेरिका, न्यूक्लियर हथियारों का टेस्ट शुरू करने का आदेश, शी जिनपिंग से मुलाकात से पहले ट्रंप का बड़ा ऐलान

30 अक्टूबर गुरुवार 2025-26

नई दिल्ली: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा ऐलान किया है. जिसमें उन्होंने तुरंत परमाणु हथियारों का परीक्षण फिर से शुरू करने का आदेश देने की बात कही है. यह परीक्षण रूस और चीन के समान स्तर पर किया जाएगा. ट्रंप के इस बयान ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी हैं. साथ ही अमेरिका को एक बार फिर परमाणु रेस में उतार दिया है.

ट्रंप का यह ऐलान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब हाल ही में रूस ने परमाणु संचालित क्रूज मिसाइल Burevestnik’ का सफल परीक्षण किया है. इसके साथ ही रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यह दावा भी किया है कि ऐसे मिसाइल दुनियाभर में किसी के पास नहीं है.

ट्रंप ने पोस्ट में लिखी ये बात:

ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट में कहा कि अमेरिका के पास किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे ज़्यादा परमाणु हथियार हैं. रूस दूसरे स्थान पर है, और चीन काफ़ी दूर तीसरे स्थान पर है, लेकिन अगले 5 सालों में हम बराबरी पर आ जाएंगे. अन्य देशों के परीक्षण कार्यक्रमों को देखते हुए, मैंने युद्ध विभाग को निर्देश दिया है कि वे हमारे परमाणु हथियारों का समान स्तर पर परीक्षण शुरू करें. यह प्रक्रिया तुरंत शुरू होगी. इसके अलावा उन्होंने यहा भी कहा कि मैंने अपने पहले कार्यकाल में मौजूदा हथियारों का पूर्ण अपडेशन और रिनोवेशन करवाया. इसकी प्रचंड विनाशकारी शक्ति के कारण, मुझे ऐसा करना बहुत बुरा लगता था, लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था!

1992 से परमाणु विस्फोट परीक्षण पर लगा रखी रोक:

गौरतलब है कि अमेरिकी सेना पहले से ही परमाणु मुखास्त्र ले जाने में सक्षम मिसाइलों के परीक्षण करती रही है, लेकिन 1992 से अमेरिका ने परमाणु विस्फोट परीक्षणों पर रोक लगा रखी है. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अब बदलाव जरूरी है क्योंकि अन्य देश हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किन देशों की बात कर रहे हैं. व्हाइट हाउस ने इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन के अधिकारियों ने भी परमाणु मिसाइल परीक्षणों पर ट्रंप की घोषणा पर सवालों का जवाब नहीं दिया.

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