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जयपुर
'मैं आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के संपर्क में आया...मुझे भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के वीडियो भेजे जाते थे... मैं इतना प्रभावित हुआ कि जिहाद को तैयार हो गया...अपना नाम बदलकर 'मुजाहिद' रख लिया था।'
पाकिस्तानी हैंडलर के चंगुल में फंसे भीलवाड़ा के मोहम्मद सोहेल भिश्ती (23) ने एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) की पूछताछ में ऐसे कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
पाकिस्तान के आतंकी गुट इसी तरह राजस्थान के युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। स्लीपर सेल के लिए मानसिक तौर पर जिहादी बनने को तैयार कर रहे हैं। यहां तक की बम बनाने भी ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है।
जेल में बंद मोहम्मद सोहेल भिश्ती को लेकर एटीएस ने 2 जून 2025 को तथ्यात्मक रिपोर्ट कोर्ट में पेश की है। इस केस में 16 जुलाई से नियमित सुनवाई शुरू होगी। उससे पहले भास्कर टीम ने एटीएस ( एंटी टेररिस्ट स्क्वाड ) की जांच में सामने आए खुलासों की पड़ताल की। पढ़िए- संडे बिग स्टोरी में...
*ऑनलाइन वीडियो गेम्स बना हथियार*
जांच में सामने आया कि युवाओं को गुमराह करने के लिए पाकिस्तानी एजेंट इंटरनेट पर सक्रिय रहते हैं। ऑनलाइन गेम्स खेलने वालों पर इनकी नजर रहती है।
इनमें खासतौर पर अल्पसंख्यक युवाओं को टारगेट किया जाता है। पहले उनसे दोस्ती की जाती है और फिर उन्हें जिहाद व अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के झूठे वीडियो भेजकर उनका ब्रेनवॉश किया जाता है।
भीलवाड़ा के शाहपुरा का रहने वाला 23 वर्षीय मोहम्मद सोहेल 12वीं कक्षा तक पढ़ा है।
भीलवाड़ा जिले के 23 साल के मोहम्मद सोहेल भिश्ती के साथ भी यही हुआ। उसने एटीएस को बताया कि वह मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलता था। इस गेम में शुरू में चार लोग जुड़ते हैं। इसके बाद इसमें खेलने वाले अन्य लोग जुड़ते जाते हैं।
पीएफआई गिल्ड के नाम से एक ग्रुप में जो कई ग्रुप के लिंक आते थे, वह उन सबसे जुड़ गया। इस गेम के कारण सोहेल भी 60 से अधिक ग्रुप में जुड़ गया। कुछ ग्रुप में एडमिन भी बना दिया।
वह पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश के कई ग्रुप से जुड़ा। इसके अलग–अलग ग्रुप में 1 हजार 873 से अधिक लोग जुड़े थे। इस ग्रुप में पाकिस्तान के लोग भी थे।
*गेम के जरिए मिले पाकिस्तानी हैंडलर*
एटीएस की जांच में सामने आया कि सोहेल को फ्री फायर गेम के जरिए ही पाकिस्तानी लोगों के नंबर मिलते थे। इनमें कुछ ने अपना नाम हमीद मुस्तफा, महबूब अली, पीके रावलपिंडी बताया।
सोहेल इनसे चैटिंग करता था। ये सभी भारत विरोधी बातें करते थे। यह लोग जिहाद के लिए उकसाते थे। सोहेल ने एटीएस को बताया कि महबूब अली सोना सिंध नाम के व्यक्ति ने उसे आतंकवादियों की फोटो व वीडियो भेजना शुरू कर दिया।
कई बार एके-47 की फोटो भेजी। चैटिंग में महबूब कहता था कि हमारे पास हथियारों की कमी नहीं है। बस जिहाद के लिए लड़ने वालों की कमी है। महबूब की तरह कई और नंबर भी थे लेकिन वह उसे याद नहीं हैं।
सोहेल ने पूछताछ में खुलासा किया कि पाकिस्तानी हैंडलर्स लगातार ऐसे युवाओं को ट्रेस करते रहते हैं, जो ऑनलाइन ज्यादा एक्टिव रहते हैं।
सोहेल ने पूछताछ में खुलासा किया कि पाकिस्तानी हैंडलर्स लगातार ऐसे युवाओं को ट्रेस करते रहते हैं, जो ऑनलाइन ज्यादा एक्टिव रहते हैं।
जैश-ए-मोहम्मद के ग्रुप से जुड़ा सोहेल
सोहेल ने पहले फ्री फायर गेम पाकिस्तान, सिंगापुर, नेपाल, बांग्लादेश के संयुक्त सर्वर पर खेला। इसके बाद सभी के सर्वर अलग-अलग हो गए। बाद में वह इंडिया के सर्वर पर गेम खेलने लगा।
जिहादी मानसिकता के जाल में फंसने के बाद सोहेल को कुछ आतंकी संगठनों के ग्रुप से भी जोड़ा। इस केस में विशेष सरकारी वकील नियुक्त किए गए एडवोकेट भंवर सिंह चौहान ने बताया कि सोहेल एक लिंक के जरिए ‘दौरा ए तफतीर’ ग्रुप से जुड़ा।
यह आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का ग्रुप है। इसके अलावा उसे नेशनल इत्तेहाद ऑफ इंडिया ग्रुप का एडमिन भी बनाया। इसमें मुंबई व कई बाहर के लोग शामिल थे।
*सोहेल इंटरनेट की दुनिया में बना ‘मुजाहिद’*
लगातार पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में रहने से सोहेल की मानसिकता पूरी तरह से बदल गई थी। पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा वीडियो देखकर कट्टरवादी बने सोहेल ने इंटरनेट पर अपनी पहचान बदल ली।
उसने सोहेल अब्बासी मुजाहिद नाम से इंस्टाग्राम पर आईडी बनाई। एक्स (X) पर मुजाहिद नाम से अकाउंट बनाया। इन्हीं नामों से 6 जीमेल आईडी बना ली।
वॉट्सऐप ग्रुप के नाम गाजी, पीएफआई, अफगान व धार्मिक कट्टरता पर रखे। इन पर वह गर्दन काटने व अन्य आपत्तिजनक वीडियो अपलोड कर रहा था।
सोहेल जैश-ए-मोहम्मद, आईएसआईएस के ग्रुपों में आए वीडियो को डाउनलोड कर अपने सोशल मीडिया पर अपलोड करता था। मोहम्मद सोहेल के पास दो मोबाइल थे।
एक मोबाइल की सिम से हॉटस्पॉट ऑन कर वह दूसरे मोबाइल में इंटरनेट से वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब चलाता था। आरोपी के वॉट्सऐप पर 20 ग्रुप मिले। सोहेल एक मोबाइल नंबर से वीडियो अपलोड कर खुद के दूसरे नंबर से लाइक करता था।
*यूट्यूब चैनल बनाया ‘मुजाहिद मियां’, अपलोड किए तालिबानी वीडियो*
पाकिस्तानी हैंडलर के आदेश के अनुसार अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए सोहेल ने यूट्यूब पर मुजाहिद मियां नाम से यूट्यूब चैनल बनाया।
इस चैनल पर वह धार्मिक उन्मांद को बढ़ावा देने वाले वीडियो शेयर करता था। एटीएस ने जब उसे पकड़ा उस दौरान चैनल पर महाराष्ट्र के अमरावती में हुए दंगे का वीडियाे किया था। जिसमें लोग एक दूसरे पर पत्थर फेंक रहे हैं और नारे लगा रहे हैं।
बाबरी मस्जिद का 6 दिसंबर का वीडियो था। जिसमें बाबरी मस्जिद की फोटो के साथ किसी गाने की आवाज है। इसमें भगवा झंडे फहराने को लेकर बयान भी हैं।
इसके अलावा दिल्ली की जामा मस्जिद में 17 जून का 7 मिनट का वीडियो है। जिसमें मुफ्ती सलमान अजहरी और यति नरसिंहानंद के बयान हैं।
पीएफआई का वीडियो है, जिसमें लोग परेड करते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई का झंडा दिखाते हुए इसे जॉइन करने के लिए कहा जा रहा है।
इसके साथ तालिबान एटीट्यूट स्टेटस नाम से वीडियो हैं। जिसमें कोई इस्लामिक प्रचारक अमेरिका द्वारा बनाई गई किसी फिल्म काे लेकर बयान कर रहा है। इस वीडियो में नीचे स्लोगन लिखा है- 'फिरके बाजी ने हमें कमजोर बना दिया वरना हम 313 ही काफी थे।'
आरोपी मोहम्मद सोहेल भिश्ती ने यूट्यूब पर मुजाहिद मियां नाम से चैनल बना रखा था। जिस पर वह आईएसआईएस, पीएफआई व तालिबान के वीडियो शेयर करता था।
आरोपी मोहम्मद सोहेल भिश्ती ने यूट्यूब पर मुजाहिद मियां नाम से चैनल बना रखा था। जिस पर वह आईएसआईएस, पीएफआई व तालिबान के वीडियो शेयर करता था।
वॉट्सऐप पर मिली कट्टर धार्मिक चैटिंग
सोहेल वॉट्सऐप पर धार्मिक कट्टरता की बातें करता था। उसकी चैटिंग में इस तरह की बातें मिली हैं। एटीएस जांच में सामने आया कि पश्चिम बंगाल में बम विस्फोट होने के दौरान उसने यूट्यूब पर बम बनाने के बारे में सर्च किया था। उसे पाकिस्तानी हैंडलर्स भी ये सब सिखाते थे।
सोहेल नुपूर शर्मा के खिलाफ भीलवाड़ा में मस्जिद से प्रदर्शन करने के लिए निकली रैली में भी शामिल हुआ। वह नेशनल इत्तेहाद मंच ग्रुप से जुड़ा था।
इसमें खुद को कोटा का बताने वाला फयूम भी शामिल था। फयूम उसे अजमेर, कोटा और दिल्ली में होने वाली मीटिंग में शामिल होने के लिए मैसेज किया करता था। दोनों दो साल से संपर्क में थे।
*सोहेल का हो चुका था ब्रेनवॉश*
सोहेल से हुई पूछताछ में सामने आया कि भारत में मुस्लिम युवाओं को फंसाने के लिए पाकिस्तानी हैंडलर हनी ट्रैप करते थे। ग्रुप में नंबर मिलने के बाद पाकिस्तानी हैंडलर लड़कियों की प्रोफाइल फोटो लगाकर उनसे चैट करते। चैटिंग इंग्लिश में होती। चैट करने वाले/वाली खुद को कमांडर बतातीं।
जब सोहेल ने पाकिस्तानी हैंडलर से पूछा कि उन्हें उसका मोबाइल नंबर कैसे मिला तो उन्होंने बताया कि उनके साहब ने दिए हैं। पाकिस्तानी हैंडलर सोहेल को कहते थे कि तुम किस्मत वाले हो कि तुम्हारे देश में काफिर हैं।
इन्हें खत्म करना है। सोहेल का ब्रेनवॉश हो चुका था। सोहेल ने एटीएस को बताया कि एक ग्रुप में उसने लिख दिया था कि- ‘अब गजवा ए हिंद नहीं गजवा ए वर्ल्ड होगा।’ इसका मतलब है पूरी दुनिया का धर्म परिवर्तन करना।
*कैसे और कब कसा एटीएस का शिकंजा*
एटीएस को सूचना मिली कि मोहम्मद सोहेल भिश्ती सोशल मीडिया पर धार्मिक कट्टरता और एक धर्म विशेष के विरुद्ध अपने धर्म के लोगों को भड़का रहा है।
उसने यूट्यूब चैनल पर भारत में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के वीडियो अपलोड कर रखे हैं। पीएफआई को भारत सरकार ने 28 सितंबर 2022 को देश विरोधी गतिविधियों के कारण प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है।
इस पर एटीएस के डीएसपी शमशेर खान ने रिपोर्ट दर्ज कराई। एटीएस की टीम ने 15 सितंबर 2023 को भीलवाड़ा से सोहेल को पकड़ा और जयपुर ले आई।
एटीएस ने सोहेल के खिलाफ धारा 153क व 13 विधि विरुद्ध क्रिया कलाप (निवारण) अधिनियम 1967 की धाराओं में केस दर्ज किया। उसके पास मिले दोनों मोबाइल फोन जब्त कर लिए। केस की जांच डीएसपी खेमाराम बिजारणिया को सौंपी गई।
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