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भारत से 65 सदस्यीय दल हुआ शामिल:
9 सितम्बर को रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि भारतीय सशस्त्र बलों का 65 सदस्यीय दल रूस के निजनी क्षेत्र स्थित मुलिनो ट्रेनिंग ग्राउंड के लिए रवाना हुआ है। इस बहुपक्षीय संयुक्त सैन्य अभ्यास का उद्देश्य सैन्य सहयोग को बढ़ाना, आपसी तालमेल को बेहतर करना और विभिन्न सेनाओं के बीच युद्ध कौशल, तकनीक और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करना है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, जापद 2025 के तहत खुले और समतल क्षेत्रों में कंपनी-स्तर की संयुक्त कार्रवाइयों का अभ्यास किया गया।
NATO देश भी बने पर्यवेक्षक:
प्रवक्ता जायसवाल ने कहा, “कई अन्य देशों ने इस अभ्यास में पर्यवेक्षक के तौर पर भाग लिया। इनमें NATO सदस्य अमेरिका, तुर्किये और हंगरी भी शामिल हैं।” रूसी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, बेलारूस रक्षा मंत्रालय ने बताया कि कुल 23 देशों के पर्यवेक्षक जापद 2025 अभ्यास में शामिल हुए हैं। इनमें NATO सदस्य अमेरिका, तुर्किये और जर्मनी भी थे। इसके अलावा तीन अंतरराष्ट्रीय संगठन- यूनियन स्टेट, कलेक्टिव सिक्योरिटी ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (CSTO) और कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स (CIS) ने भी अपने पर्यवेक्षक भेजे। बेलारूस की सेना ने कहा कि 17 देशों- अजरबैजान, चीन, क्यूबा, हंगरी, इंडोनेशिया, ईरान, कजाकिस्तान, पेरू, रूस, सर्बिया, सूडान, तुर्किये, तुर्कमेनिस्तान, अमेरिका, वियतनाम, जाम्बिया और जिम्बाब्वे के सैन्य अटैची भी इस अभ्यास में मौजूद रहे।
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