Mon , Jul 14 2025
जोधपुर
PHED में अब तक की सबसे बड़ी हेराफेरी पकड़ी
{जालोर का मामला : बिना टेंडर के ठेकादार को देते रहे ट्यूबवेल के मेंटेनेंस का काम
जल जीवन मिशन के तहत पीएचईडी के जालोर सर्किल में 981 ट्यूबवेल के संचालन व रखरखाव के ठेकों में 150 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। पीएचईडी अफसरों ने करीब 7 साल पूर्व जालोर सर्किल में ईएससीओ मॉडल पर 20 ट्यूबवेलों को संचालन व रखरखाव के लिए दिया था। इसके बाद में बिना टेंडर प्रक्रिया अपनाए जालोर की दो स्थानीय फर्मों (ठेकेदार एक ही) को उपकृत किया गया। इन दोनों फर्म को 112 ट्यूबवेल के संचालन व रखरखाव के कार्यादेश जारी कर दिए। पीएचईडी अफसरों द्वारा दोनों ठेका फर्मों पर उपकार करने की बरसात यहीं नहीं रुकी। ट्यूबवेल की संख्या बढ़ाकर 981 तक कर दी गई। इसके लिए ना तो सरकार के स्तर से इजाजत ली, ना टेंडर प्रक्रिया को पूरा किया। शेष | पेज 9
PHED का लीकेज... घोटाला पकड़कर भी सब चुप
एक शिकायत पर 6 माह पूर्व चीफ सेक्रेटरी सुधांशु पंत ने पीएचईडी के तत्कालीन एसीएस भास्कर ए सावंत से पूरे मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी। इसमें पूरा घोटाला सामने आया। दैनिक भास्कर ने वित्तीय सलाहकार और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी की अध्यक्षता वाली उप कमेटी की तथ्यात्मक रिपोर्ट में टेंडर से लेकर भुगतान तक में घोर अनियमितताएं पकड़ीं। कमेटी ने मौका विजिट व दस्तावेजों की जांच के आधार पर 4 टेंडर में 40 करोड़ रुपए का फर्जी भुगतान पकड़ा था। इस पर कमेटी ने 40 करोड़ रुपए वसूलने की सिफारिश की थी।
दो माह से फाइलों में बंद है ट्यूबवेल घोटाले की जांच... एसीएस भास्कर ए सावंत ने पीएचईडी जयपुर के चीफ इंजीनियर (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) तथा अध्यक्ष ईएससीओ को उप कमेटी के निष्कर्ष व सिफारिशें भेजी थीं। इसमें तुरंत भुगतान पर रोक लगाने, ठेका फर्मों को नोटिस जारी कर अनुबंध समाप्त करने, कोर्ट में कैविएट दाखिल करने को कहा था। साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था कर निर्बाध जलापूर्ति के कदम उठाने तथा ईएससीओ मॉडल दिशा-निर्देशों के संचालन व रखरखाव की समीक्षा कर विस्तृत दिशा निर्देश जारी करने को कहा था। हालांकि जब तक इसकी पालना की जाती, एसीएस भास्कर ए सावंत का तबादला हो गया। अब उनकी जगह पीएचईडी के तत्कालीन एसीएस अखिल अरोरा हैं।
एसई ने वित्त कमेटी से अनुमति लिए बिना जारी किए वर्कऑर्डर
पीएचईडी जालोर सर्किल ने ट्यूबवेलों के संचालन व रखरखाव को एनर्जी सर्विस कंपनी मॉडल पर देना तय किया। 12 अगस्त 2022 को जालोर की ठेका फर्म एम/एसएमएम कंस्ट्रक्शन कंपनी व एमएस राज एंटरप्राइजेज को कार्यादेश जारी किए गए। इसमें पीएचईडी सर्किल जालोर के एसई ने टेंडर प्रक्रिया से लेकर कार्यादेश जारी करने में घोर अनियमितताएं कीं। टेंडर जारी करते समय वित्त कमेटी की अनुमति के बिना ही टेंडर जारी कर दिए। 20 ट्यूबवेल का ठेका जालोर की एक ही फर्म को दिया गया। इसके बाद वर्कऑर्डर में ट्यूबवेल की संख्या मनमर्जी से बढ़ती गई। संख्या बढ़कर पहले 112 हुई और बाद में बढ़ते-बढ़ते 981 ट्यूबवेल तक पहुंच गई।
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