Fri , Jul 18 2025
(1)अमेरिका से 7 महीने में 1500 से ज्यादा भारतीय डिपोर्ट, ज्यादातर कॉमर्शियल फ्लाइट्स से भेजे गए
(2)सिंगापुर में भारतीय मूल के पूर्व पुलिसकर्मी को 10 साल जेल
(3)बलूचिस्तान में पैसेंजर बस पर गोलीबारी,
(4)इराक के शॉपिंगमॉल में आग लगने से 60 लोगों की मौत, मॉल मालिक के खिलाफ केस दर्ज
(5)अमेरिका के अलास्का में 7.3 तीव्रता का भूकंप, सुनामी का अलर्ट
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि भारत अपने लोगों की ऊर्जा जरूरतों प्राथमिकता देता है। उन्होंने यह बयान नाटो चीफ मार्क रूट के उस बयान के जवाब में दिया, जिसमें उन्होंने रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर सेकेंडरी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।
रणधीर जायसवाल ने कहा- हमने इस मामले से जुड़ी खबरें देखी हैं और घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं। हमारी एनर्जी पॉलिसी ग्लोबल परिस्थितियों पर निर्भर करती हैं। हम इस मामले में दोहरे मापदंड के खिलाफ सावधानी बरतने की सलाह देते हैं।
मार्क रूट ने बुधवार को कहा कि अगर आप चीन के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री या ब्राजील के राष्ट्रपति हैं, तो आपको यह समझना होगा कि रूस के साथ व्यापार जारी रखने का भारी नुकसान हो सकता है।
रूट ने बुधवार को अमेरिकी सीनेटरों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इन तीनों देशों को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव डालना चाहिए, ताकि वह शांति वार्ता को गंभीरता से लें।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर रणधीर जायसवाल गुरुवार को बताया की डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद से अब तक 1,563 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर लोग कॉमर्शियल फ्लाइट्स से भारत लौटे हैं।
अमेरिका में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के आरोप में गिरफ्तार भारतीय नागरिक को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा- यह कानून-व्यवस्था का मामला है। हम भारतीय नागरिकों से अपील करते हैं कि वे विदेश में लोकल कानूनों और नियमों का पालन करें।"
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर चल रही बातचीत के बारे में जायसवाल ने कहा- यह मामला दोनों पक्षों के बीच चर्चा में है। जब कुछ फाइनल होगा, हम जानकारी शेयर करेंगे।"
यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने बुधवार को भारत के साथ जल्द ही एक नए व्यापार समझौते की संभावना जताई। ट्रम्प ने कहा कि इस समझौते से अमेरिकी कंपनियों को भारतीय बाजार में अधिक पहुंच मिलेगी।
सिंगापुर की एक अदालत ने गुरुवार को भारतीय मूल के पूर्व पुलिसकर्मी केविन चेलवम को 10 साल की सजा सुनाई। चेलवम पर 24 साल की नौकरानी पियांग नगैह डोन की हत्या का आरोप है।
म्यांमार की रहने वाली डोन की मौत 26 जुलाई 2016 को भुखमरी और शारीरिक यातना के बाद दिमागी चोटों के कारण हुई थी। डोन को चेलवम की तत्कालीन पत्नी गायत्री मुरुगायन और सास प्रेमा एस नारायणसामी ने महीनों तक प्रताड़ित किया था।
मौते के वक्त डोन का वजन सिर्फ 24 किलोग्राम था। चेलवम को चार आरोपों में दोषी पाया गया, जिसमें डोन को चोट पहुंचाना, भुखमरी की हालत में पहुंचाना, पुलिस को गलत जानकारी देना और घर से सीसीटीवी रिकॉर्डर हटाकर सबूतों के साथ छेड़छाड़ शामिल है।
चेलवम की पूर्व पत्नी और सास को पहले ही इस मामले में 30 और 17 साल की जेल की सजा हो चुकी है। अदालत ने पाया कि चेलवम ने जरूरी सबूत वाले सीसीटीवी रिकॉर्डर को हटाकर जांच को गुमराह करने की कोशिश की।
3 मौत, 13 घायलबलूचिस्तान के कालात में बुधवार को एक यात्री बस पर हमला हुआ, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई और 13 लोग घायल हो गए। पाकिस्तानी मीडिया डॅान के मुताबिक, हमलावरों ने क्वेटा-कराची हाईवे पर नेमार्ग इलाके में घात लगाकर बस को रोका और अंधाधुंध गोलीबारी की।
गंभीर रूप से घायल लोगों को क्वेटा के अस्पताल में भेजा गया है। मशहूर कव्वाल माजिद अली साबरी ने बताया कि उनके भाई, भतीजे और लोग शादी समारोह में प्रदर्शन के लिए क्वेटा जा रहे थे।
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने बताया कि सुरक्षा बलों और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचे और हमलावरों की तलाश में अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि हमलावरों ने सड़क के दोनों ओर से हमला किया।
मुख्यमंत्री मिर्जा सरफराज बुगती ने इस हमले की निंदा की और इसे फितना अल हिंदुस्तान आतंकी संगठनों का काम बताया। उन्होंने कहा- निर्दोष नागरिकों पर हमला गंभीर अपराध है।
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के अनुसार, यह हमला उस दिन हुआ जब सुरक्षा बलों ने अवारन इलाके में फितना अल हिंदुस्तान से जुड़े तीन आतंकवादियों को मार गिराया। इसमें पाकिस्तानी सेना का एक अधिकारी मेजर सैयद रब नवाज तारिक की मौत हो गई थी।
इराक के कुट शहर के एक बड़े सुपरमार्केट में भीषण आग लगने से अब तक 60 लोगों की जान चली गई है। कई लोग घायल भी हैं। यह जानकारी इराक की सरकारी समाचार एजेंसी INA ने दी है।
फिलहाल आग लगने की असली वजह सामने नहीं आई है, लेकिन गवर्नर ने बताया है कि घटना की जांच शुरू हो गई है और अगले 48 घंटों में शुरुआती रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी।
गवर्नर ने यह भी बताया कि इमारत और मॉल के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। यह मॉल 5 दिन पहले ही खुला था। फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि शहर की एक पांच मंजिला इमारत आग की चपेट में है, और दमकलकर्मी आग बुझाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।
*डोनाल्ड ट्रम्प ने जेफ्री एप्सटीन से जुड़ी विश्वसनीय जानकारी सामने लाने को कहा*
डोनाल्ड ट्रम्प और जेफ्री एप्सटीन
डोनाल्ड ट्रम्प और जेफ्री एप्सटीन
अमेरिकी संसद के स्पीकर माइक जॉनसन के जेफ्री एप्सटीन से जुड़े दस्तावेज सामने लाने की मांग के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने अटॉनी जनरल पाम बॉन्डी से विश्वसनीय जानकारी सार्वजनिक करने को कहा है।
हालांकि, पहले ट्रम्प ने कहा था कि एप्सटीन का मामला अब पुराना है और देश को आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने बॉन्डी का समर्थन करते हुए कहा कि वह जो दस्तावेज ठीक समझें, उन्हें जारी कर सकती हैं।
इसके चलते ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों में गुस्सा बढ़ गया था क्योंकि खुद ट्रम्प 10 साल से एपस्टीन फाइल्स को अपने विरोधियों पर सियासी हमले करने के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं।
बॉन्डी ने एप्सटीन पर सवालों से बचते हुए कहा था कि उनका ध्यान ड्रग्स और मानव तस्करी जैसे बड़े मुद्दों पर है। एप्सटीन एक फाइनेंसर थे, जिन्होंने 2019 में जेल में आत्महत्या कर ली थी। उन पर सेक्स ट्रैफिकिंग के गंभीर आरोप थे।
अमेरिका के अलास्का में बुधवार देर रात 7.3 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने बताया कि भूकंप स्थानीय समयानुसार लगभग देर रात 12:37 बजे आया।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन से 36 किलोमीटर की गहराई में था। कम गहराई के कारण ऑफ्टरशॉक (भूकंप के बाद के झटकों) की आशंका बनी हुई है। कम गहराई वाले भूकंप आमतौर पर ज्यादा गहरे भूकंपों की तुलना में ज्यादा खतरनाक होते हैं।
क्योंकि कम गहराई वाले भूकंपों से आने वाली भूकंपीय तरंगों की सतह तक पहुंचने की दूरी कम होती है, जिसके कारण जमीन ज्यादा हिलती है और इमारतों को ज्यादा नुकसान पहुंचता है। इससे हताहत होने की संभावना भी ज्यादा होती है।
अलास्का पैसिफिक रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है, जो लगातार आने वाले भूकंपों और सक्रिय ज्वालामुखियों के लिए जाना जाता है। अलास्का में मार्च 1964 में 9.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जो उत्तरी अमेरिका में अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप था। इस भूकंप ने एंकोरेज शहर को तबाह कर दिया। बाद में एक सुनामी आई, जिससे अलास्का की खाड़ी, अमेरिका के पश्चिमी तट और हवाई को तबाह कर दिया।
Leave a Reply