Sat , Aug 30 2025
नई दिल्ली: भारत का निर्यात वित्तीय वर्ष 2024-25 में 825 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.01 प्रतिशत अधिक है. यह जानकारी वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को ‘भारत बिल्डकॉन 2026’ सम्मेलन में दी. उन्होंने इस उपलब्धि को भारतीय उद्योग की मजबूती और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़ते आत्मविश्वास का प्रमाण बताया.
गोयल ने कहा कि इस वर्ष भारत का निर्यात और भी ऊंचाइयों को छुएगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार विश्व के विभिन्न देशों के साथ नए मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) पर तेजी से काम कर रही है, जिससे भारतीय उद्योगों को अधिक अवसर मिलेंगे और किसी भी एकतरफा कदम का प्रभाव कम किया जा सकेगा.
उन्होंने बताया कि भारत ऑस्ट्रेलिया, यूएई, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, लिकटेंस्टीन, आइसलैंड और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते कर रहा है. इसके साथ ही यूरोपीय संघ और अन्य देशों के साथ भी बातचीत जारी है. इन समझौतों से स्टील, निर्माण और अन्य सहयोगी क्षेत्रों के लिए वैश्विक बाजार में नए अवसर खुलेंगे.
गोयल ने अमेरिकी आयात टैरिफ के कारण भारतीय उद्योगों पर अतिरिक्त दबाव न पड़े, इसके लिए सरकार पूरी तरह तैयार होने का भरोसा दिलाया. उन्होंने उद्योग जगत से आग्रह किया कि वे उन क्षेत्रों की पहचान करें जहां वैकल्पिक बाजारों की जरूरत है.विशेष रूप से स्टील और आयरन के निर्यात पर उन्होंने कहा कि भारत हर साल 1.5 करोड़ टन स्टील का निर्यात कर सकता है, जो भारतीय निर्यात टोकरी को मजबूत बनाएगा क्योंकि भारतीय स्टील उच्च गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उपलब्ध है.
मंत्री ने ऑस्ट्रेलिया में लगभग 10 लाख घरों की कमी को भी ध्यान में रखते हुए भारतीय उद्योगों, कामगारों और विशेषज्ञों से इस अवसर को भुनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया वित्तीय सहयोग, तकनीकी विशेषज्ञता और कार्यबल के लिए पूरी तरह तैयार है. इसके लिए भारतीय पेशेवरों को ऑस्ट्रेलियाई मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण और प्रमाणन भी प्रदान किया जा रहा है.
गोयल ने घरेलू उपभोग को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया और बताया कि आगामी GST काउंसिल बैठक में ऐसे निर्णय लिए जा सकते हैं जो मांग को तेजी से बढ़ावा देंगे और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को मजबूत बनाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी क्षेत्र पिछड़ने न पाए और भारत विश्व का भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता बने. इसके लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (QCOs) में उद्योगों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारत की क्षमता को कुछ विशेषज्ञ और मीडिया सही तरीके से नहीं आंक पा रहे हैं. भारत ने कोविड-19 महामारी और परमाणु प्रतिबंध जैसी चुनौतियों का सामना करते हुए अपने वैश्विक व्यापार में हिस्सेदारी बढ़ाने की तैयारी कर ली है.
उन्होंने ‘भारत बिल्डकॉन 2026’ के आयोजन का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सम्मेलन 29 अप्रैल से 2 मई 2026 तक दिल्ली के यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में होगा. इसमें सीमेंट, सिरेमिक्स, टाइल्स, सैनिटरीवेयर, पेंट्स, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल्स सहित 37 सहयोगी क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा. यह आयोजन भारतीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बढ़ावा देने, निवेश आकर्षित करने और भारत को एक भरोसेमंद वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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