Sat , Aug 30 2025
नई दिल्ली: भारत की अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में 7.8% की मजबूत वृद्धि दर्ज की है. यह वृद्धि मुख्य रूप से विनिर्माण (7.7%), निर्माण (7.6%) और सेवा क्षेत्र (9.3%) के मजबूत प्रदर्शन से प्रेरित रही, वहीं कृषि क्षेत्र में भी सुधार हुआ है और इसमें 3.7% की वृद्धि दर्ज की गई है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, निजी उपभोग व्यय (PFCE) में 7% और सकल स्थिर पूंजी निर्माण (GFCF) में 7.8% की वृद्धि दर्ज की गई है. हालांकि खनन (-3.1%) और उपयोगिता सेवाएं (0.5%) जैसे क्षेत्रों में सुस्ती देखने को मिली.
मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंता नागेश्वरन ने जीडीपी आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जुलाई 2025 के उच्च आवृत्ति संकेतक Q1 की आर्थिक गति को आगे बढ़ाते हैं. उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन और जीएसटी दरों में संभावित बदलाव से घरेलू मांग आने वाले महीनों में और मजबूत होगी.
उन्होंने यह भी कहा कि बेहतर मानसून और उच्च खरीफ बुवाई के चलते कृषि उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है जिससे खाद्य मुद्रास्फीति नियंत्रण में रहेगी. इसके साथ ही एसएंडपी द्वारा भारत की सॉवरेन रेटिंग बढ़ाकर BBB करना भारत की मज़बूत आर्थिक बुनियाद का प्रमाण है.
हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि निर्यात और पूंजी निर्माण पर व्यापार शुल्क (टैरिफ) को लेकर अनिश्चितताओं का असर पड़ सकता है. लेकिन उन्होंने इसे संकट से ज़्यादा अवसर बताया और कहा कि यह समय नए बाज़ार तलाशने और भारत के उत्पादों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने का है.
निर्यात बढ़ाने के लिए कदम
भारत–ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप दिया गया है.
यूरोपीय संघ, न्यूजीलैंड, चिली और पेरू के साथ सक्रिय व्यापार वार्ता चल रही है.
कपड़ा निर्यात को समर्थन देने के लिए कपास आयात शुल्क छूट 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई गई है.
जुलाई 2025 में जीएसटी रिफंड में 67% की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे व्यवसायों की नकदी स्थिति मजबूत होगी.
बजट 2025-26 में घोषित एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन के तहत निर्यात ऋण, क्रॉस बॉर्डर फैक्टरिंग और MSMEs को समर्थन मिलेगा.
वित्त मंत्रालय ने X (ट्विटर) पर कहा कि Q1 की तेज़ विकास दर भारत की मज़बूत आर्थिक बुनियाद को दर्शाती है. निजी उपभोग खर्च (PFCE) का GDP में हिस्सा पिछले 15 वर्षों में पहली तिमाही का सबसे ऊँचा स्तर है.
FICCI की डायरेक्टर जनरल ज्योति विज ने कहा कि यह 7.8% की जीडीपी वृद्धि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की लचीलापन को दर्शाती है. घरेलू मांग और नई व्यापारिक संभावनाएं उद्योगों को वैश्विक चुनौतियों से उबरने में मदद करेंगी.
मुख्य बिंदु (Q1, FY26 GDP Highlights):
वास्तविक GDP वृद्धि: 7.8% (Q1 FY26) बनाम 6.5% (Q1 FY25)
नाममात्र GDP वृद्धि: 8.8%
भारत अप्रैल-जून 2025 की तिमाही में एक बार फिर दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है.
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