Wed , Sep 03 2025
03-09-2025-26
नई दिल्ली: अमेरिका की इकोनॉमी ‘रसातल’ में गई… दुनिया को ‘दादागिरी’ दिखाने वाला यूएस मंदी की कगार पर पहुंचा, Moody’s ने दी बड़ी वॉर्निंग, तारीख भी बता दी. दरअसल मूडीज मंदी पर एक रिपोर्ट पेश की है। मूडीज ने चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका गंभीर मंदी की कगार पर पहुंच गया है और यूएस इकोनॉमी का एक तिहाई हिस्सा पहले से ही संकट से जूझ रहा है. ये चेतावनी ट्रंप ही नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए एक बुरी खबर है।
एक इंटरव्यू में मूडीज के चीफ इकोनॉमिस्ट ने कहा कि अमेरिकी इकोनॉमी की खस्ताहाल स्थिति को लेकर जो आशंकाएं कई महीने पहले जताई गई थीं। अब वे सच होती नजर आ रही हैं। उनका अनुमान है कि 2025 के आखिर तक अमेरिका की अर्थव्यवस्था भारी मंदी की चपेट में आ जाएगी। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि इस समय अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी में है. लेकिन वे ऐसा मानते हैं कि यह मंदी के बिल्कुल कगार पर खड़ा है। गौरतलब है कि मार्क जैंडी वही अर्थशास्त्री हैं जिन्होंने 2008 के वित्तीय संकट का सटीक पूर्वानुमान लगाया था। बीते कुछ महीनों से वे लगातार ट्रंप प्रशासन की व्यापार और रोजगार नीतियों पर सवाल उठाते हुए चेतावनियां दे रहे हैं कि इन कदमों का नतीजा अमेरिकी इकोनॉमी पर गंभीर असर के रूप में सामने आ सकता है।
रिपोर्ट में जैंडी के हवाले से कहा गया है कि अमेरिका की जीडीपी का एक तिहाई हिस्सा जिन राज्यों के आता है, वो मंदी से गुजर रहे हैं या मंदी के खतरे में हैं। वहीं एक तिहाई राज्यों की ग्रोथ स्थिर दिख रही है, जबकि बचे हुए एक तिहाई राज्यों में ही वृद्धि दर्ज की जा रही है। मार्क जैंडी के मुताबिक, सरकारी नौकरियों में कटौती के कारण संकट बढ़ता नजर आ रहा है। उन्होंने कहा है कि उत्तर-पूर्व, मध्य-पश्चिम और वाशिंगटन डीसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा असर दिखा है, जहां नौकरियों कम हो रही हैं। ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद जनवरी से मई तक वाशिंगटन डीसी में 22,100 सरकारी नौकरियां खत्म की गई हैं।
साथ ही हाल ही में आई रॉयटर्स की रिपोर्ट भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी के खतरे से जुड़े कुछ संकेत शेयर किए गए। इसमें बताया गया कि अगस्त 2025 में अमेरिका का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई घटकर 48.7 पर आ गया है और कारखानों की स्थिति के समय से भी बदहाल बताई जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, जहां अमेरिका दुनियाभर के देशों पर टैरिफ अटैक कर रहा है, तो वहीं अगस्त में अमेरिकी विनिर्माण क्षेत्र में लगातार छठे महीने तेज गिरावट दर्ज की गई है। इसकी वजह बताते हुए कहा गया है कि देश के कारखाने ट्रंप प्रशासन के आयात शुल्कों के दुष्प्रभावों से जूझ रहे हैं। यानी साफ है कि टैरिफ फायदे की जगह नुकसान पहुंचाने वाला साबित हो रहा है। मैन्युफैक्चरर्स ने टैरिफ टेंशन के बीच मौजूदा कारोबारी माहौल को महामंदी से भी बदतर करार दिया है।
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