Tue , Jul 15 2025
खुल्लम- खुल्ला...... सडक़ों के गड्ढे बारीश से पहले ही भर देने चाहिये थे जो बारीश शुरू होने के बाद भी नहीं भरे। लोग बोले- आखिर हम कब तक बेबसी और लाचारी में जीते रहेंगे.......
बरसात के पहले और बाद में भी, खूब लिखा खुल्लम-खुल्ला। जनता ने भी सडक़ों के गड्ढे भरने, खूब किया हल्ला-गुल्ला।। फिर भी अब तक गड्ढे भरे नहीं, जनता पूछ रही क्यों। बरसात के पहले और बाद भी, वो हैं ज्यों के त्यों।। बारीश से पहले न सडक़ मरम्मत, न गड्ढों को भरेंगे। भारी बारीश में ही उनमें मिट्टी, डालने का काम करेंगे।। जनता बोल रही जिम्मेदार क्यूं नहीं समझते, अपनी जिम्मेदारी। कब तक जनता भोगती रहेगी, बेबसी और लाचारी।।
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